पीड़िता की मौत ...
सुबह सुबह न्यूज़ चैनल पर नज़र पड़ी ..लड़खड़ाती उंगलियाँ रिमोट पर आशंकित मन से ठहर गयीं ..पूर्वाग्रह युक्त दहशत मन पर हावी हो गयी। " पीड़िता की मौत " ! साफ़ समाचार था।।पर पीड़िता तो लाखों हैं हैं इस देश में ... वो बात अलग है की पीड़ित होने की कभी वजह अलग होती है तो कभी तरीक़े ! और फिर उस गैंग रेप की शिकार लड़की को पीड़िता क्यूँ कहा जाए ..? उसे तो नए युग की "झाँसी की रानी " कहना चाहिए जो लड़ते लड़ते शहीद हो गयी। जंग न सिर्फ जिंदगी की बल्कि एक नपुंसक सोच की ..वही सोच जो हमें पुत्र जन्म से पहले ही पुत्र प्राप्ति की इच्छा के रूप में जन्म ले लेती है। पुत्र के माता पिता होना एक गौरवान्वित अनुभव लगता है , पुत्र के जन्म लेते ही लगता है कि जैसे कोई मेडल मिल गया हो। और सारा जीवन आप उस मेडल को अपनी उपलब्धि मानते हैं। कभी प्रयास तक नहीं करते कि उस मेडल को अच्छे भावनात्मक रिश्तों की समझ , नारी का सम्मान आदि संस्कारों से चमकाएं। बल्कि बड़े होते पुत्र के समक्ष " आजकल की लडकियां तो ..." सरीखे बहुत से कटाक्ष करते हैं। की कहीं पुत्र किसी भावनात्मक मोह जाल में न उलझ जाए। और हमारा मेडल पराया न हो जाए ...यही सब सोचते सोचते फिर से न्यूज़ अपडेट पर नज़र गयी "पीड़िता की मौत" ...आँखों से दो आंसू टपके और खिसियाई हुई सी एक फीकी मुस्कान आई ... और लो हो गयी एक और पीड़िता खामोश !
सुबह सुबह न्यूज़ चैनल पर नज़र पड़ी ..लड़खड़ाती उंगलियाँ रिमोट पर आशंकित मन से ठहर गयीं ..पूर्वाग्रह युक्त दहशत मन पर हावी हो गयी। " पीड़िता की मौत " ! साफ़ समाचार था।।पर पीड़िता तो लाखों हैं हैं इस देश में ... वो बात अलग है की पीड़ित होने की कभी वजह अलग होती है तो कभी तरीक़े ! और फिर उस गैंग रेप की शिकार लड़की को पीड़िता क्यूँ कहा जाए ..? उसे तो नए युग की "झाँसी की रानी " कहना चाहिए जो लड़ते लड़ते शहीद हो गयी। जंग न सिर्फ जिंदगी की बल्कि एक नपुंसक सोच की ..वही सोच जो हमें पुत्र जन्म से पहले ही पुत्र प्राप्ति की इच्छा के रूप में जन्म ले लेती है। पुत्र के माता पिता होना एक गौरवान्वित अनुभव लगता है , पुत्र के जन्म लेते ही लगता है कि जैसे कोई मेडल मिल गया हो। और सारा जीवन आप उस मेडल को अपनी उपलब्धि मानते हैं। कभी प्रयास तक नहीं करते कि उस मेडल को अच्छे भावनात्मक रिश्तों की समझ , नारी का सम्मान आदि संस्कारों से चमकाएं। बल्कि बड़े होते पुत्र के समक्ष " आजकल की लडकियां तो ..." सरीखे बहुत से कटाक्ष करते हैं। की कहीं पुत्र किसी भावनात्मक मोह जाल में न उलझ जाए। और हमारा मेडल पराया न हो जाए ...यही सब सोचते सोचते फिर से न्यूज़ अपडेट पर नज़र गयी "पीड़िता की मौत" ...आँखों से दो आंसू टपके और खिसियाई हुई सी एक फीकी मुस्कान आई ... और लो हो गयी एक और पीड़िता खामोश !
3 comments:
Really impressive!!
Keep writing, 'll look forward to read more and more and more.
Thanks,
Vikrant
Really impressive!!!
Keep writing, 'll look forward to read more and more and more!!!!
Thanks,
Anikhet
Really impressive!!!
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Thanks,
Anikhet
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