Saturday, September 25, 2010

खुश्क होठों को रुबानी  दे दे...
ए खुदा मुझे पहले सी जिंदगानी देदे

रह के गुलशन में सूख रहा है जो..
गुल को काँटों की निशानी दे दे

रोते  बच्चे  को सुना सकूँ मैं जो..
खवाब सी ऐसी कहानी दे दे

क़तरा ए शबनम जलाये है मुझे...
फिर से बरसात में आग का पानी दे दे

साफ़ चादर की चमक चुभती है...
सिलवटें इसको पुरानी दे दे

वफ़ा इंसां की नाप सके जो....
दुनिया को ऐसी क़द्रदानी दे दे

अलसाई पलकों पे न हो माज़ी.....
सुबह कोई ऐसी सुहानी दे दे

थक के सो जाऊं मैं जहां रुक के...
गोद कोई ऐसी रूहानी दे दे !!!

Wednesday, September 15, 2010

FOR EACH AND EVERY ONE ... WHO LOST THEIR MOTHER....LIKE ME..

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हूँ सामने तेरे हर वक़्त पास हूँ

साया समझ मुझे ....

एहसास का अपमान न कर..

जमीं पे गुज़रा हर लम्हा...

आसमा से मैं भी तकती हूँ

हैं तेरी आँखों में गर जुगनू....

बूंदों से मैं बरसती हूँ

कभी बदरी में आती हूँ....

कभी हवा से कहती हूँ...

मांग कुदरत से भीख यूँ...

तुझे छूने को तरसती हूँ

मेरा वजूद है तुझसे.....

आज भी सांस लेता हुआ...

बोलती , हंसती , गुनगुनाती...

है तेरी मां देख  "तुझमे " !!!