कौन हूँ मैं…? एक कवियित्री , एक लेखिका ,एक दार्शिनिक या सिर्फ एक संवेदनशील मन …पता नहीं , पर कुछ तो है जो मुझे औरों से जुदा करता है …जान लूँ खुद को फिर बता दूंगी।
Wednesday, February 22, 2017
न नौकरी बापू की , न माँ का श्रृंगार…
न धुले हुए चेहरे , न फूलों वाली फ्रॉक… न साइकिल ,न झूले , न चटपटे स्वाद… हर फूल गुलिस्तां का सरताज़ नहीं होता… बचपन खिलौनों का मोहताज़ नहीं होता… - लवीना रस्तोगी —
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