
मेरे ख़याल होंगे...
बहुत सी मुस्कानों में कोई...
एक मुस्कान सूनी होगी..
उसी मुस्कान में छिपे..
चंद सवाल होंगे..
भीड़ में ,रेड लाइट पर..
रुके हुए तुम..
जागोगे होर्न के शोर से..
और बढ़ जाओगे आगे
मेरे नेह-पाश से !
एक और जगह है ..
जहाँ मैं मिलूंगी...
रातों को सोते कभी...
देखोगे जो अपने बाजू पे...
तुम्हे चैन से सोती...
मैं दिखूंगी..
जानती हूँ...
उस पल भी..
तुम तकोगे मुझे...
बहुत प्यार से..
की कहीं मैं जग न जाऊं..
बस एक बार..
तब मेरे बालों पे...
तुम हाथ फेर देना !
यूँ ही जीवन में..
होके दूर जीवन से...
हम निशा से नींद..
और..
भोर से स्वप्न..
बाँट लेंगे..!!
3 comments:
achchhi lagi ye rachna
sundar bhaav he.hona aour na hone ke beech yahi setu hota he..
thxx Avinash...nd many many thx Amitabh ji....!!
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