
समस्याओं का उत्कर्ष...
संवेदनाओं का समायोजन...
यही है जीवन...!!
आशंकित आँखों से...
अपने ही अस्तित्व को..
खोजता यौवन...
यही है जीवन...!!
निराधार तथ्य...
डगमगाते सम्बन्ध...
न्योछावर...तन-मन.
यही है जीवन...!!!
कौन हूँ मैं…? एक कवियित्री , एक लेखिका ,एक दार्शिनिक या सिर्फ एक संवेदनशील मन …पता नहीं , पर कुछ तो है जो मुझे औरों से जुदा करता है …जान लूँ खुद को फिर बता दूंगी।